Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग-12 ( Worst Days of My Life)

अंदर आकर मैने अपना बैग  एक तरफ फैंका और बिस्तर पर लेट गया, अभी कुछ ही देर हुए थे कि एक छोटे कद का लड़का अरुण के पास आया, उसकी आँखो मे लगा चश्मा उसे एक सीरीयस स्टूडेंट की उपाधि दे रहा था....वो सीधे मेरे पास आया और मुझसे हाथ मिलाया वो भी बिना कुछ बोले.....और फिर सीधे जाकर अरुण के पास बैठ गया...

"साला पागल लगता है..."उसे देखकर मैने मन ही मन मे कहा....

अरुण के पास जाकर वो बात करने लगा और अरुण से बात करने के दौरान वो बीच -बीच मे अपना चश्मा कुछ समय के लिए  उतारता और मेरी तरफ कुछ देर तक देख कर वापस अपना चश्मा अपनी आँखो मे टांग लेता और फिर अरुण से बात करने लगता.......

" सुन बे अरमान...ये भूपेश मेरे ही यहाँ का है...."


उस छोटी सी हाइट वाले लड़के का नाम भूपेश था, जिसका नामकरण अरुण ने पहले ही कर दिया था.... उसके नाम के शुरू के तीन अक्षरों  से... भूपेश... (Bhupesh... B-H-U) जो की अपने देश के एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के नाम पे था... बी. एच. यू.

"बी.एच.यू ."अरुण उसे इसी नाम से बुलाता था....

"उस लड़की का नाम क्या है , जो सीएस मे है..."भूपेश  ने एक बार फिर अपना चश्मा निकाल कर मेरी तरफ देखा और फिर चश्मे पर फूक मार कर अरुण की चादर से चश्मे को सॉफ करने लगा....

"एश...."अरुण बोला...

एश का नाम सुनते ही सारी थकान दूर हो गयी, मैं उठकर बिस्तर पर बैठ गया और अरुण की तरफ देखकर बोला"क्या हुआ..."

"बी एच यू.... को एश से प्यार हो गया है..."अरुण ने कहा

"इसे और एश से प्यार "भूपेश की तरफ देखकर मैं बोला...."(अबे साले, अपनी शकल देखी है, कहाँ वो और कहाँ तू)

"इसके पास उसका मोबाइल नंबर भी है..."

ये सुनकर मुझे झटका लगा,वैसे तो एश का नंबर. मालूम करना कोई बड़ी बात नही थी, उसके क्लास मे जो भी उसके करीब हो उससे एश का नंबर लिया जा सकता है....लेकिन मुझे झटका इसलिए लगा क्यूंकी बी एच यू...  एश के मामले मे मुझसे ज़्यादा एक्टिव  था....जहाँ मैने उसे चुपके से घूरने के  अलावा और कुछ नही किया था, वही बी. एच. यू. ने उसका नंबर. अपने मोबाइल मे सेव करके रखा था.....

"उसे कॉल करता हूँ..."अरुण से वो बोला और अपना नोकिया 1200 निकाल लिया....

मैने अपनी 18 साल की ज़िंदगी मे बहुत से प्रेमी जोड़े देखे थे, लेकिन उनमे से सिर्फ़ एक या दो प्रेमी जोड़े ही एक-दूसरे के लिए पर्फेक्ट थे....वरना एक से बढ़कर एक घोनचू लौन्डे, टनाटन  माल लेकर घूमते है, जिसे देखकर अक्सर मेरा कलेजा जल उठता है और सिर्फ़ एक लाइन मुँह से निकलती है
"हम मर गये है क्या, जो इस बरदे के साथ घूम रही है.... लड़कियों की बद्तमीज और बेशक़ल   जैसे लड़को से पटने का रहस्य आज तक मेरे लिए रहस्य है... "

और इसी डर मे कि कही एश के साथ ये बी. एच. यू. ना सेट हो जाए, मैं अपने बिस्तर से उठा और भूपेश के हाथ से उसका मोबाइल छीन लिया.... वरना ऊपर दिए गए प्रेमी जोड़ो के मेरे उदाहरण मे एक और का इजाफा हो जाता. जो की मै बिलकुल नही चाहता था.

"पागल है क्या... भोपू. यदि उसने तेरे मोबाइल नंबर. की रिपोर्ट कर दी तो...."उसे डराते हुए मैं बोला....

"कोई बात नही सिम फ़र्ज़ी है..."

"आजकल लोकेशन ट्रेस हो जाते है और वैसे भी वो किसी ना किसी से सेट होगी तो क्यूँ अपना बॅलेन्स और टाइम फालतू मे खर्च कर रहा है...."

"बाद की बाद मे देखेंगे..."मेरे हाथ से मोबाइल लेकर अरुण ने मोबाइल बी. एच. यू.  को थमा दिया और बोला"तू कॉल कर..."

"ये साला अरुण, मेरे साथ है या इसके साथ"

"तूने कुछ बोला क्या..."अरुण मेरी तरफ देखकर मुझसे पुछा....

"ना, मैने कुछ नही बोला....मैं क्यूँ बोलूँगा कुछ...एश मेरी वाइफ है क्या, जो मुझे उसकी फिकर होगी.... मंदिर का घंटा है ऐश... बाजाओ सब कोई...."

मेरा इतना कहना था कि दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी...

"ले यार खोल..."अरुण मुझसे बोला,...

मैने अभी पूरा दरवाजा खोला भी नही था कि एक जोरदार तमाचा मेरे गाल और कान पर पड़ा, मैं सन्न रह गया उस वक़्त और कान पर हाथ रखकर वही खड़ा रहा...अंदाज़ा लगाना मुश्किल नही था कि रूम के अंदर कौन आया था, जिसने अभी-अभी मेरा गाल लाल किया था वो वही था जिससे मेरी मुलाक़ात हॉस्टल  के बाहर हुई थी..... जो मेरे द्वारा झूठ बोलने पर भड़क गया था और बाद मे मुझे देखने की धमकी भी दिया था.


"चल बे साइड चल..."मैं इस वक़्त दरवाजे और रूम के बीच मे खड़ा था, इसलिए उसने मुझे धक्का देते हुए कहा और सीधे जाकर मेरे बिस्तर पर बैठ गया, जो हाल मेरा था, वो हाल बी. एच. यू. और अरुण का भी था, वो दोनो बिस्तर से खड़े हो गये थे.....

"नीचे बैठ वही ज़मीन पर..."मेरी तरफ इशारा करते हुए वो बोला"शकल याद है मेरी... या भूल गया..."

"याद है..."

"हां तो हमेशा याद रखना, तेरे बाप की शकल है..."

उसने जैसे ही ये बोला, पूरा जिस्म गुस्से से लाल -पीला हो गया, यदि उस वक़्त मुझे अपने भाई के कहे हुए शब्द याद ना आए होते तो माँ कसम उस साले को बहुत मारता......

"आइ कॉंटॅक्ट(eye contact ) करेगा बे..."मेरे बिस्तर पर पूरा पसारता हुए रूम के दीवार की तरफ उसने इशारा किया

"उस दीवार को देख रहा है...मैने उसी दीवार पर तेरे जैसे ही एक चूतिए का सर पकड़ कर दे मारा था, साला चार महीने कोमा मे था....पोलीस भी कुछ नही उखाड़ पाई, क्यूंकी उसे कोई गवाह ही नही मिला जो ये बोलता कि वो सब मैने किया था...."

"तो ये सब मुझे क्यूँ बता रहे हो...."खून मेरा भी गरम था, इसलिए मैने बोल दिया...जिसका नतीज़ा ये हुआ कि वो सीनियर जो कुछ देर पहले मेरे बिस्तर पर पसरा हुआ था वो एकदम से उठ खड़ा हुआ और गुस्से से अपने दाँत पीसते हुए मेरे पास आया....

"सॉरी सर, उसे छोड़ दो, पागल है वो..."अरुण ने उस सीनियर को पकड़ा....

"समझा दे इस लौन्डे को वरना यहीं जान से मार दूँगा...."

"ठीक है, मैं इसे समझा दूँगा...."

"जा एक ग्लास पानी ला..."


पानी का फरमान मिलते ही अरुण वहाँ से पानी लेने भागा और इधर रूम मे चुप्पी छाइ रही, अरुण कुछ देर मे ही वापस आ गया,लेकिन उसके हाथ खाली थे....

"सर, वो वहाँ.. वाटर कूलर का ग्लास शायद किसी लड़के ने अपने रूम मे रखा हुआ है, मैं बोतल मे आपके लिए पानी लाता हूँ...."अंदर घुसते ही अरुण बोला और बोतल उठाकर फिर से पानी लेने भागा.....

"तू इधर आ बे..."अरुण के जाने के बाद उसने मुझे अपने पास बुलाया और सिगरेट पीने के लिए पुछा....

"मैं नही पीता..."तपाक से मैने बिना एक पल गँवाए जवाब दिया,

वो सीनियर आगे कुछ बोलता उसके पहले ही अरुण दौड़ते भागते हुए बोतल मे पानी भरकर ले आया और उसे दे दिया....उसने बोतल मे मुँह लगाकर एक घूट पानी पिया और फिर बोतल मेरी तरफ बढ़ा दी...

"रिलैक्स  हो जा और ले पानी पी..."

"मुझे प्यास नही है..."खून मेरा अब भी गरम था....

"पी ले पानी ,क्यूंकी इसके बाद मैं जो करने वाला हूँ उससे तेरा गला सूख जाएगा..."

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5 Comments

Sana Khan

01-Dec-2021 02:03 PM

Good

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Kaushalya Rani

25-Nov-2021 09:08 PM

Very nice

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Barsha🖤👑

25-Nov-2021 05:10 PM

ओ गॉड.., शुक्र है कि कहानी है

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